भाग १ : गरीबी के असली कारण
भाग १ : गरीबी के असली कारण
प्रिय देशवासियों,
आज हम सबसे बड़े सवाल की ओर रुख करें – हमारे देश में गरीबी क्यों है?
- लोग आलसी हैं,
- बेरोजगार हैं,
- स्कूली शिक्षा पूरी नहीं की,
इसलिए वे गरीब हैं – यह हम बार-बार सुनते हैं। लेकिन यह केवल सतही कारण हैं; असली वजह कुछ और है।
💡 गरीबी का असली कारण
गरीबी की जड़ में है – दोषपूर्ण अर्थ-वितरण प्रणाली। यह व्यवस्था मेहनतकशों का शोषण बढ़ाती है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है।
⚖️ कुछ ठोस उदाहरण
- भ्रष्ट जनप्रतिनिधि व अफसर: रिश्वतखोरी से ईमानदार नागरिकों का अपमान करते हैं।
- किसानों की उपज को कौड़ियों में खरीदने वाले व्यापारी: लाखों का माल सस्ते में हथियाते हैं।
- ठेका मजदूरों का शोषण: दिन-रात काम के बावजूद बहुत कम मजदूरी।
- मिलावटखोर: भोजन में जहरीले रसायन मिलाकर जनता की सेहत से खिलवाड़।
🚫 झूठा तर्क – “मुफ्त राशन से लोग आलसी बनेंगे”
जब सरकार राशन पर अनाज देती है तो कुछ लोग कहते हैं – “इससे लोग आलसी और फ्रीखोर बन जाएंगे।” लेकिन असली सवाल यह हैं:
- सच में गरीबों को कितना लाभ मिलता है?
- क्या अमीर लोग गाड़ी में आकर राशन नहीं लेते?
- ऊपर के स्तर पर होने वाली असली फ्रीखोरी और लूट क्यों नहीं दिखती?
असली कारण है – भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली दोषपूर्ण अर्थ-वितरण प्रणाली।
इन कारणों को समझना ही “गरीबी हटाओ” आंदोलन का पहला कदम है।
अगले भाग में:
भाग २ – फ्रीखोरों की असली पहचान (जल्द ही)।
— अरुण रामचंद्र पांगारकर
प्रवर्तक, आदर्श अर्थ-वितरण प्रणाली आंदोलन तथा गरीबी उन्मूलन आंदोलन
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