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प्रज्ञेचा शोध की पदव्यांचा बाजार? – एका नव्या शैक्षणिक क्रांतीची गरज प्रत्येक मनुष्य एका विशिष्ट जन्मजात ओढीसह (Natural Inclination) जन्माला येतो. बौद्धिक प्रगल्भता ही केवळ प्रयत्नसाध्य नसून ती उपजत असते. जर केवळ प्रयत्नांनी कोणीही काहीही बनू शकला असता, तर आज गल्लीतले सर्व विद्यार्थी ‘अल्बर्ट आईन्स्टाईन’ झाले असते. पण वास्तव वेगळे आहे. "आजची शिक्षण पद्धती माणसाची नैसर्गिक प्रज्ञा ओळखण्याऐवजी तिला एका ठराविक साच्यात कोंबण्याचा प्रयत्न करत आहे." १. आजच्या शिक्षण पद्धतीची शोकांतिका शाळा आणि महाविद्यालये केवळ ‘माहितीचे साठे’ तयार करत आहेत. सृजनशीलतेचा विकास करण्याऐवजी मेंदूवर नाहक ताण दिला जात आहे. आजचे शिक्षण ‘सेवा’ देणारे तज्ज्ञ घडवण्याऐवजी, ‘पैसा’ कमावणारे रोबोट तयार करत आहे. पदवी मिळवण्यामागे सेवा हा भाव नसून पैसाच प्रेरणा ठरत आहे. २. कौशल्यपूर्ण आणि थेट शिक्षण: काळाची गरज आपल्याला अशा शिक्षण व्यवस्थेची गरज आहे जिथे शिक्षण केवळ पुस्तकी न राहता प्रत्यक्ष अनुभवाधार...

गरीबी: फिनलैंड व भारत – एक तुलना

गरीबी: फिनलैंड व भारत – एक तुलना

प्रस्तावना

गरीबी केवल आर्थिक स्थिति नहीं बल्कि सामाजिक और मानवीय समस्या भी है। गरीबी के दो प्रकार माने जाते हैं – संपूर्ण गरीबी (absolute poverty) और सापेक्ष गरीबी (relative poverty)। संपूर्ण गरीबी का अर्थ है जीवन की बुनियादी ज़रूरतें (भोजन, कपड़ा, मकान) पूरी न होना, जबकि सापेक्ष गरीबी का अर्थ है समाज के औसत जीवन स्तर से बहुत नीचे जीवन जीना।

भारत में गरीबी

भारत में गरीबी व्यापक स्तर पर मौजूद है। यहाँ करोड़ों लोग अभी भी दो वक़्त की रोटी, अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा से वंचित हैं। ग्रामीण इलाकों और शहरी झोपड़पट्टियों में गरीबी का प्रभाव साफ दिखाई देता है। सरकार ने गरीबी हटाने के लिए अनेक योजनाएँ चलाई हैं, जैसे – मनरेगा, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, पीएम-किसान और सार्वजनिक वितरण प्रणाली। फिर भी बड़ी आबादी आज भी गरीबी रेखा के नीचे जीवन व्यतीत कर रही है।

फिनलैंड में गरीबी

फिनलैंड दुनिया के सबसे विकसित देशों में गिना जाता है। यहाँ गरीबी भारत जैसी गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन फिर भी सापेक्ष गरीबी मौजूद है। फिनलैंड में जो लोग बेरोजगार हैं, एकल माता-पिता हैं, या प्रवासी हैं, उन्हें गरीबी का सामना करना पड़ता है। हालाँकि, यहाँ की कल्याणकारी राज्य व्यवस्था (welfare system) बहुत मजबूत है – शिक्षा, स्वास्थ्य और कई सामाजिक सेवाएँ लगभग निःशुल्क हैं। यहाँ तक कि नागरिकों को न्यूनतम आय (basic income) भी दी जाती है ताकि कोई भूखा या बेघर न रहे।

भारत व फिनलैंड: एक तुलना

बिंदु भारत फिनलैंड
गरीबी का स्वरूप संपूर्ण गरीबी – भोजन, कपड़ा, मकान की कमी सापेक्ष गरीबी – जीवन स्तर का अंतर
प्रभावित वर्ग ग्रामीण गरीब, खेतिहर मजदूर, शहरी झुग्गीवासी बेरोजगार, प्रवासी, एकल अभिभावक
सरकारी सहायता मनरेगा, रेशन, किसान योजना आदि मुफ़्त शिक्षा, स्वास्थ्य, बेसिक इनकम

निष्कर्ष

भारत और फिनलैंड दोनों देशों में गरीबी मौजूद है, लेकिन इसका स्वरूप और स्तर अलग है। भारत में गरीबी का अर्थ है जीवित रहने के लिए संघर्ष, जबकि फिनलैंड में गरीबी का अर्थ है समाज में औसत जीवन स्तर से नीचे होना। भारत को फिनलैंड की welfare system से सीखना चाहिए, वहीं फिनलैंड को सामाजिक एकाकीपन और मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं पर काम करना चाहिए।

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