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प्रज्ञेचा शोध की पदव्यांचा बाजार? – एका नव्या शैक्षणिक क्रांतीची गरज प्रत्येक मनुष्य एका विशिष्ट जन्मजात ओढीसह (Natural Inclination) जन्माला येतो. बौद्धिक प्रगल्भता ही केवळ प्रयत्नसाध्य नसून ती उपजत असते. जर केवळ प्रयत्नांनी कोणीही काहीही बनू शकला असता, तर आज गल्लीतले सर्व विद्यार्थी ‘अल्बर्ट आईन्स्टाईन’ झाले असते. पण वास्तव वेगळे आहे. "आजची शिक्षण पद्धती माणसाची नैसर्गिक प्रज्ञा ओळखण्याऐवजी तिला एका ठराविक साच्यात कोंबण्याचा प्रयत्न करत आहे." १. आजच्या शिक्षण पद्धतीची शोकांतिका शाळा आणि महाविद्यालये केवळ ‘माहितीचे साठे’ तयार करत आहेत. सृजनशीलतेचा विकास करण्याऐवजी मेंदूवर नाहक ताण दिला जात आहे. आजचे शिक्षण ‘सेवा’ देणारे तज्ज्ञ घडवण्याऐवजी, ‘पैसा’ कमावणारे रोबोट तयार करत आहे. पदवी मिळवण्यामागे सेवा हा भाव नसून पैसाच प्रेरणा ठरत आहे. २. कौशल्यपूर्ण आणि थेट शिक्षण: काळाची गरज आपल्याला अशा शिक्षण व्यवस्थेची गरज आहे जिथे शिक्षण केवळ पुस्तकी न राहता प्रत्यक्ष अनुभवाधार...

ऑनलाइन रमी और समान जुए जैसे खेलों पर केंद्र सरकार का आधिकारिक उत्तर

Shramik Kranti – Garibon Ka Aawaz

ऑनलाइन रमी और समान जुए जैसे खेलों पर केंद्र सरकार का आधिकारिक उत्तर

पत्रव्यवहार का संदर्भ:
दिनांक 28 जुलाई 2025 को मैंने “रमी, फैंटेसी लीग और इसी प्रकार के ऑनलाइन दांव-प्रवृत्ति वाले खेलों से होने वाले सामाजिक एवं आर्थिक नुकसान” के संबंध में माननीय प्रधानमंत्री जी तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को निवेदन भेजा था। इस संदर्भ में मंत्रालय से मुझे नीचे दिया गया आधिकारिक उत्तर प्राप्त हुआ है।


इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का उत्तर (दिनांक: 09 अगस्त 2025)

मंत्रालय ने दिनांक 09 अगस्त 2025 को श्री अरुण रामचंद्र पांगारकर द्वारा भेजे गए ईमेल का संज्ञान लिया है, जो ऑनलाइन रमी और समान खेलों पर राष्ट्रीय स्तर पर कड़े नियमन बनाने की अनुशंसा से संबंधित है।

इस संबंध में मंत्रालय द्वारा निम्नलिखित जानकारी दी गई है:

  1. भारत सरकार का उद्देश्य सभी उपयोगकर्ताओं के लिए खुला, सुरक्षित, विश्वसनीय और जवाबदेह इंटरनेट सुनिश्चित करना है। इस दिशा में समाज को लाभ पहुँचाने वाले किसी भी रचनात्मक सुझाव का मंत्रालय स्वागत करता है।
  2. "ऑनलाइन गेमिंग के प्रचार और विनियमन अधिनियम, 2025" (Promotion and Regulation of Online Gaming Act, 2025 – PROG Act 2025) को 22 अगस्त 2025 को अधिनियमित किया गया है। यह अधिनियम ऑनलाइन मनी गेम्स तथा उनसे संबंधित विज्ञापन और भुगतान सुविधाओं पर प्रतिबंध लगाता है, जबकि ई-स्पोर्ट्स, शैक्षणिक और सामाजिक खेलों को प्रोत्साहन देता है। इस अधिनियम का उद्देश्य युवाओं और कमजोर वर्गों को आर्थिक, मानसिक और सामाजिक हानियों से बचाना तथा वित्तीय अखंडता, सार्वजनिक व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखना है।
  3. इस अधिनियम के अंतर्गत कौशल या संयोग आधारित किसी भी प्रकार के ऑनलाइन मनी गेम्स की आपूर्ति, प्रचार और सुविधा को अपराध घोषित किया गया है। साथ ही पारदर्शिता एवं उपभोक्ता संरक्षण के लिए एक राष्ट्रीय प्राधिकरण की स्थापना की गई है।
  4. इस अधिनियम की राजपत्र अधिसूचना दिनांक 22.08.2025 को प्रकाशित की गई है, और उसका संशोधन पत्र दिनांक 28.08.2025 को जारी किया गया है। दोनों दस्तावेज नीचे दिए गए लिंक पर उपलब्ध हैं:
    👉 https://www.meity.gov.in/static/uploads/2025/08/dd5d971e6e54b3949f57cee34c8e5026.pdf
  5. यह अधिनियम अभी लागू नहीं हुआ है।

लेखक की टिप्पणी:

केंद्र सरकार का यह उत्तर निश्चित रूप से सकारात्मक और दिशानिर्देशक है। फिर भी, ऑनलाइन जुए की लत से समाज पर पड़ रहे गंभीर प्रभावों को देखते हुए इस कानून का शीघ्र क्रियान्वयन अत्यंत आवश्यक है। साथ ही युवाओं में जागरूकता फैलाने और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए ठोस व्यवस्था बनाई जानी चाहिए।

— अरुण रामचंद्र पांगारकर
मु.पो. पांगरी बुद्रुक, तालुका सिन्नर, जिला नासिक – 422103 (महाराष्ट्र)


नोट: यह लेख ऊपर उल्लिखित पत्राचार एवं भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से प्राप्त आधिकारिक ईमेल (Ministry of Electronics & Information Technology, Govt. of India) पर आधारित है।

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