श्रमिक क्रांति – गरीबों की आवाज
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श्रमिक क्रांति – गरीबों की आवाज
भारत जैसे विशाल और विविधता से भरे देश में करोड़ों श्रमिक और गरीब आज भी अपने हक और अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे हैं। आर्थिक असमानता, कम मजदूरी, असुरक्षित रोजगार और सामाजिक उपेक्षा ने उनकी स्थिति को और भी कमजोर बना दिया है। “श्रमिक क्रांति – गरीबों की आवाज” एक ऐसा जनआंदोलन है, जो इन वंचित वर्गों को संगठित कर उनके अधिकार, सम्मान और उचित जीवन स्तर के लिए संघर्ष करता है।
हमारे उद्देश्य
- हर हाथ को काम और हर काम को उचित दाम दिलाना।
- श्रमिकों के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक कार्यस्थल सुनिश्चित करना।
- गरीबों के बच्चों को मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना।
- स्वास्थ्य सेवाओं का अधिकार सबके लिए सुनिश्चित करना।
- गरीबी उन्मूलन के लिए सरकारी योजनाओं का सही क्रियान्वयन।
हम क्या कर रहे हैं?
हम गांव-गांव, बस्ती-बस्ती में जाकर श्रमिकों और गरीबों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक कर रहे हैं, कानूनी सहायता उपलब्ध करा रहे हैं, और सामूहिक आंदोलनों के जरिए सरकार और प्रशासन तक उनकी आवाज पहुंचा रहे हैं। हम सोशल मीडिया, ब्लॉग, पोस्टर, और वीडियो के माध्यम से इस मुहिम को हर घर तक ले जाने का प्रयास कर रहे हैं।
हमारा नारा: “हर हाथ को काम, हर काम को उचित दाम और सम्मान!”
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