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Monday, 8 September 2025

सामूहिक पुँजीवाद: गरीबी उन्मूलन का मार्ग

सामूहिक पुँजीवाद: गरीबी उन्मूलन का मार्ग


गरीबी उन्मूलन के लिए सामूहिक भांडवलशाही ही एकमात्र मार्ग है। व्यक्तिगत पूंजीवादी व्यवस्था में कामगारों का शोषण रोका नहीं जा सकता। इसलिए सामूहिक भांडवलशाही के लिए राष्ट्रीयकरण आवश्यक है।

आज की स्थिति

  • वह जो वास्तव में श्रम करता है, वह भूखा रहता है।
  • वह जो वास्तव में कुछ नहीं करता, वह धन के बल पर और अधिक समृद्ध होता जा रहा है।

इस अन्यायपूर्ण विरोधाभास को तोड़ने के लिए उत्पादन और वितरण की संपूर्ण प्रक्रिया की सामूहिक स्तर पर पुनर्संरचना करनी होगी।

आवश्यक व्यवस्था: उत्पादन व वितरण प्रणाली

  • उत्पादन में कामगारों की प्रत्यक्ष भागीदारी और स्वामित्व होना चाहिए।
  • प्रत्येक को कार्य की गारंटी और उचित मूल्य मिलना चाहिए।
  • वितरण व्यवस्था में समानता का पालन होना चाहिए; संपत्ति कुछ ही लोगों के हाथों में केंद्रीत न होकर समाज के सभी स्तरों तक पहुँचे।

सामूहिक भांडवलशाही की विशेषताएं

  • कामगार = मालिक
  • लाभ = समाज के विकास के लिए
  • उत्पादन = आवश्यकता अनुसार, केवल मुनाफे के लिए नहीं
  • वितरण = संतुलित और न्यायोचित
सामूहिक भांडवलशाही का अर्थ है पूंजीवादी कार्यक्षमता और समाजवाद की समानता का मेल। इसी मार्ग से गरीबी उन्मूलन, सामाजिक न्याय और सतत विकास हासिल किया जा सकता है।

✊ इसलिए, यदि गरीबी उन्मूलन के लिए वास्तविक बदलाव चाहिए तो सामूहिक भांडवलशाही की ओर बढ़ना अनिवार्य है।

अरुण रामचंद्र पांगारकर
प्रणेता, आदर्श अर्थ वितरण प्रणाली आंदोलन
उर्फ गरीबी हटाव आंदोलन

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