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प्रज्ञेचा शोध की पदव्यांचा बाजार? – एका नव्या शैक्षणिक क्रांतीची गरज प्रत्येक मनुष्य एका विशिष्ट जन्मजात ओढीसह (Natural Inclination) जन्माला येतो. बौद्धिक प्रगल्भता ही केवळ प्रयत्नसाध्य नसून ती उपजत असते. जर केवळ प्रयत्नांनी कोणीही काहीही बनू शकला असता, तर आज गल्लीतले सर्व विद्यार्थी ‘अल्बर्ट आईन्स्टाईन’ झाले असते. पण वास्तव वेगळे आहे. "आजची शिक्षण पद्धती माणसाची नैसर्गिक प्रज्ञा ओळखण्याऐवजी तिला एका ठराविक साच्यात कोंबण्याचा प्रयत्न करत आहे." १. आजच्या शिक्षण पद्धतीची शोकांतिका शाळा आणि महाविद्यालये केवळ ‘माहितीचे साठे’ तयार करत आहेत. सृजनशीलतेचा विकास करण्याऐवजी मेंदूवर नाहक ताण दिला जात आहे. आजचे शिक्षण ‘सेवा’ देणारे तज्ज्ञ घडवण्याऐवजी, ‘पैसा’ कमावणारे रोबोट तयार करत आहे. पदवी मिळवण्यामागे सेवा हा भाव नसून पैसाच प्रेरणा ठरत आहे. २. कौशल्यपूर्ण आणि थेट शिक्षण: काळाची गरज आपल्याला अशा शिक्षण व्यवस्थेची गरज आहे जिथे शिक्षण केवळ पुस्तकी न राहता प्रत्यक्ष अनुभवाधार...

ग्रामीण अस्पतालों में सर्पदंश की दवा क्यों आवश्यक है?

 

ग्रामीण अस्पतालों में सर्पदंश की दवा क्यों आवश्यक है?

भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में किसान, खेतिहर मजदूर और सामान्य नागरिकों को सर्पदंश का खतरा शहरी क्षेत्रों की तुलना में कई गुना अधिक होता है। खेतों में काम करना, रात भर जागरण, गर्मी-बरसात में खुले में रहना – इन सभी कारणों से ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश की घटनाएँ बार-बार होती हैं।

लेकिन दुर्भाग्यवश, ऐसे समय पर जीवन रक्षक Anti-Snake Venom Serum (ASVS) अक्सर ग्रामीण अस्पतालों में उपलब्ध नहीं होता। इसके कारण पीड़ित को शहर के बड़े अस्पताल में ले जाना पड़ता है। इस दौरान समय नष्ट होता है और कई बार रोगी की मृत्यु हो जाती है।

समस्या क्यों गंभीर है?

  • भारत में हर साल 40,000 से अधिक मौतें सर्पदंश से होती हैं, जिनमें अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों की होती हैं।
  • ग्रामीण अस्पतालों में दवाओं और टीकों का भंडार अपर्याप्त होता है।
  • शहर तक पहुँचने से पहले ही रोगी की जान चली जाती है।
  • जनता में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है।

क्या किया जाना चाहिए?

  1. ग्रामीण अस्पतालों में Anti-Snake Venom Serum का स्थायी भंडार रखा जाए।
  2. नियमित आपूर्ति की व्यवस्था – दवा हमेशा उपलब्ध रहे, इसकी जिम्मेदारी तय हो।
  3. मासिक रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए – कितनी दवा आई, कितनी प्रयोग हुई और कितनी शेष है, इसकी पारदर्शी जानकारी।
  4. स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रशिक्षण – ताकि सर्पदंश के रोगी का तुरंत सही उपचार हो सके।

श्रमिक क्रांति मिशन की भूमिका

ग्रामीण गरीब और मजदूरों को स्वास्थ्य सुविधाएँ मिलना उनका मौलिक अधिकार है। सरकार को तुरंत कदम उठाने चाहिए, यही हमारी माँग है। अन्यथा यह गंभीर समस्या और अधिक जनहानि करेगी।

निष्कर्ष

सर्पदंश एक आपदा है, लेकिन समय पर Anti-Snake Venom Serum उपलब्ध हो तो रोगी की जान बचाई जा सकती है।
इसलिए ग्रामीण अस्पतालों में यह दवा उपलब्ध कराना केवल चिकित्सा आवश्यकता नहीं बल्कि ग्रामीण जनता के जीवन के अधिकार का प्रश्न है।

लेखक: अरुण रामचंद्र पांगारकर

प्रणेता, 

श्रमिक क्रांति मिशन: गरीबों की आवाज


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